लहुलुहान हुआ लाडला, हम सबका रखवाला।।
सिसक रही मां की ममता अपने बेटे को खोकर।
पत्नी भी हतास दुखी हैं, खाकर ऐसी ठोकर।।
राखी के दिन राखी बांधूंगी,मैं तो रास्ता देख रही थी।
एकलौता भाई खोकर बहन भी जोर से चिख रहीं थी।।
हतास दुखी होकर पिता के आंसू भी बह रहे हैं।
मेरा बेटा शेर था ऐसा गर्व से कह रहे हैं।।
बच्चे पिता को सोता देख मां से क्यों रो रही पुछ रहें।
भोले नन्हे बालक की बातों पर सबके ह्रदय रो रहें।।
रक्षा किया आखिरी सांस तक अपने प्राण लुटाकर।।
धन्य हो तुम बिर सपुतो भारत मां की लाज बचाकर।
अमर हो गए दुनिया में भारत का मान बढ़ाकर।।
खादी की आड़ में जो कर रहे गोरख धंधे है।
मेरी नज़र में आतंकवाद से भी वो बड़े गन्दे है।।
देश के सम्मान को यह चुहे की तरह कुतर रहें हैं।
सता की लालच में आकर,समाज में जहर भर रहे हैं।।
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
रनजीत कुमार तिवारी 🇮🇳🙏