Wednesday, 12 May 2021

मौजूदा देश की हालत

सेवा में आदरणीय पाठको मित्रों एवं प्यारे देशवासियों रनजीत कुमार तिवारी का प्यार भरा नमस्कार आप सबकी सेवा में  आज की परिस्थिति को देखते हुए अपने अनुभव विचार को आपसे साझा कर रहा हूं अगर इस लेख में कोई कमी हो तो मुझे अज्ञानी समझकर माफ़ करने की कृपा करें। चलिए आज के जिवन की तरफ यह बिल्डिंग यह दौलत किस काम का जब इसका भोग करने वाले ही नहीं बचेंगे आज देश भयावह स्थिति में पहुंच गया है। चारों तरफ मौत के तांडव हो रहें हैं। सरकारें भी सिर्फ तमाशा देखने को मजबूर हैं सबको केवल सत्ता की लालच है इन्सान बेवस और लाचार हो गया है। अतः आप सभी धर्म अनुरागी मित्रों सज्जनों माताओं बहनों भाईयों दोस्तों को मेरी सलाह है कृपा करके इस कोरोना से लड़ने के लिए धैर्य बनाए रखे जो  बहुत आवश्यक है। सावधानी पूर्वक जिवन यापन करने वाले लोगों के ऊपर इस बिमारी का असर कम होगा हर तरह की सावधानी जरूरी है। चाहें मन की हो या तन की या फिर सांसारिक यह स्थिति स्वयं हम सब मनुष्यों ने ही बनाया है वातावरण को प्रदुषित कर लोगों का दिल छोटा हो गया है । इसलिए ज्यादा सांसों को अपने अन्दर भरने निकालने रोकने का प्रयास जब भी आप कर सकते हैं करें सांस को रोकना कम से कम नवजवानों से 2 मिनट और बुजुर्गो बिमार व्यक्ति से कम से कम 45 सेकेंड सांस रोकने का मतलब आप स्वस्थ हैं।इसको डेली अपने जीवन के दिनचर्या में शामिल कर इस कोरोना महामारी में लड़ने में देश का साथ दें अपनी इच्छा शक्ति को मरने ना दें अपने इच्छा शक्ति को मजबूत रखने में अपनी मदद करें भगवान नारायण के ऊपर भरोसा रखें सब अच्छा होगा सबसे पहले अपने दिमाग से गन्दे विचारों का परित्याग करें।आप जब भी घबराहट हो तो लम्बी सांसे अपने फेफड़ों में भरकर कुछ सेकंड रोकें अपने भगवान का नाम लेते हुए आराम आराम  से छोड़े जब आप मौत से बच सकते हैं। ऐसी महामारी फैली हुई है लोग सब जानते हुए भी मर रहे हैं।हमारा भारत देश ऐसा देश तो नहीं है। केवल खेल तमाशों में देश का हाल बेहाल कर रखा है।यह चाईनीज टेक्नोलॉजी बड़ा घातक हो सकती है।देखा जाए तो यह एक विश्व युद्ध शुरू है। वहीं कहीं भारत में ही अपनी अपनी सत्ता की खातिर होड़ अन्याय अपराध कराकर हर हाल में सत्ता राजनीतिक दलों संगठनों बड़े बड़े अधिकारियों कर्मचारियों को चाहिए यह हाल हो गया है।हम चारों तरफ टेक्नोलॉजी से घिरे हुए हैं। देश का कोई भी जगह देखा जाए तो सुरक्षित नहीं है। इतना विकास आखिर क्यों की सांसों के लाले पड़ जाएं यह घबराहट ही सबसे बड़ा शत्रु है।इसपर हमें विजय प्राप्त करना है। माध्यम तो यही है ऐसा मुझे विश्वास है। अगर हम सब केवल भारत के युवा अगर इसमें जागरूकता अभियान चला कर शोशल मिडिया पर जैसे भी चाहे लोगों का मनोबल बढ़ा सकते हैं। धन्यवाद आपका अपना रनजीत कुमार तिवारी

Sunday, 9 May 2021

मां की आंचल

जिवन देकर तुमने दुनिया का ज्ञान कराया है!
अपने खुन पशिने से तुमने एक बाग लगाया है!!
उस बगिया की तू तो मां एक शितल छाया है!
तेज धूप में तुने जब भी अपनी आंचल में छुपाया है!!
जब भी होती कोई तकलीफ तुने सिने से लगाया है!
मां तेरी आंचल की छाया में स्वर्ग जैसा सुख पाया है!!
अनपढ़ होकर भी मां तुने चांद तारों का ज्ञान कराया है।
स्कूल जाने से पहले ही तुने क ख ग पढ़ना  सिखाया है।।
मां तेरी ममता की छांव हमने दुनिया में किसी से नहीं पाया है।
कर्ज तुम्हारे कैसे उतारूं आजतक समझ नहीं पाया है।।
मां तेरी खातिर मेरे जिस्म का एक एक कतरा न्योछावर है।।
मां जब-तक दुनिया प्यारी लगती जब-तक तेरा साया है।