Sunday, 9 May 2021

मां की आंचल

जिवन देकर तुमने दुनिया का ज्ञान कराया है!
अपने खुन पशिने से तुमने एक बाग लगाया है!!
उस बगिया की तू तो मां एक शितल छाया है!
तेज धूप में तुने जब भी अपनी आंचल में छुपाया है!!
जब भी होती कोई तकलीफ तुने सिने से लगाया है!
मां तेरी आंचल की छाया में स्वर्ग जैसा सुख पाया है!!
अनपढ़ होकर भी मां तुने चांद तारों का ज्ञान कराया है।
स्कूल जाने से पहले ही तुने क ख ग पढ़ना  सिखाया है।।
मां तेरी ममता की छांव हमने दुनिया में किसी से नहीं पाया है।
कर्ज तुम्हारे कैसे उतारूं आजतक समझ नहीं पाया है।।
मां तेरी खातिर मेरे जिस्म का एक एक कतरा न्योछावर है।।
मां जब-तक दुनिया प्यारी लगती जब-तक तेरा साया है।






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