Z कितना बदल गया इंसान
समय नहीं सुध लेने को अपने होते जा रहे हैं दूर
आधुनिकता ने देखो कितना किया सबको मजबूर।
अंतर्देशीय पोस्टकार्ड भेजकर कहा अब कोई संदेश भिजवाता है।
बिडियो कालिंग करके ही सब लाईव समाचार सुनाता हैं।
मिलों की दूरी तय करने में अब समय नहीं लगता है।
घर के लोग होते जा रहे दूर अब उनसे दिल नहीं लगता है।
रिश्ते नाते मिट रहें हैं इंटरनेट का जमाना है।
जिसको देखो वही व्यस्त हैं सारा जहां इसका दिवाना है।
समय नहीं .......................…........ रहे हैं दूर
अश्लील होते जा रहे लोग इंटरनेट ने देखो क्या हाल किया
नग्नता फैला रही है घर की इज्जत लोग कहते इसने क्या कमाल किया।
मेरी मानो तो आज से हो जाओ होशियार इतनी जल्दी कैसे भुला सकते करोड़ों लोगों की शहादत का मलाल।
नज़रिया बदलो नजर वहीं है खुद को बदलो देश वहीं है।
तुम ऐसे भ्रष्ट हो जाओगे तो दुश्मनों ने यह है चाल चली
आज ् लुट रहे हैं देश की इज्जत पिछे भी तो इन्होंने यहीं किए।
राणा प्रताप पृथ्वीराज शिवाजी ने संस्कृति के लिए खुद को कुर्बान किया
समय ने फिर कुचक्र रचा है फिर से वही पुराना हाल हुआ
समय नहीं............................... हो रहें हैं दूर
मेरी बिनती यही है सबसे घर परिवार के लोगों की बात सुनो
आस पड़ोस रिश्तेदार गांव के लोगों में एक प्रेरणा बनकर उभरो
गर्व करो अपने मातृभूमि पर जिनमें हमने जन्म लिया
सम्मान करो अपने संस्कृति का पुर्वजों ने जिसके लिए बलिदान दिया
यही होगा सच्चा सम्मान कितना बदल गया इंसानz
समय नहीं. ................... होते जा रहे हैं दूर
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरमz