नीचे एक मौलिक हिंदी कविता प्रस्तुत की गई है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीद मंगळ पांडे की वीरता, बलिदान और अटूट देशभक्ति की भावना को सलाम करती है:
शहीद मंगळ पांडे की गाथा
चमकते इतिहास के पन्नों में,
तेरा नाम आज भी गूँजे सुन,
वो खून-ओ-इमान की लौ,
शौर्य की मिसाल तू बनके रह जा।
सरहदों पर न कोई रुकावट आई,
जब तू उठा हथियार, देश का पुकार,
तू नहीं झुका कभी वीरता में,
देश की मुक्ति की उसने दी वार।
तेरी चाल में देश की आहट थी,
तेरी आँखों में उम्मीदों का नूर,
मिट्टी की खुशबू में बसी तेरी शहादत,
हर दिल में तू अमर, शौर्य का दस्तूर।
आज भी हर जवान के स्वर में,
तेरा नाम इक अमर गीत सुनाए,
गिरह-ए-हकीकत में बंधा है इतिहास,
तेरे बलिदान से नवयुग हम सजाए।
अपने कदमों से तू जो लिख गया,
एक नया इतिहास, स्वतंत्रता की राह,
मंगळ पांडे, तेरी शहादत को नमन,
तेरे बल पर आज ये देश गगन छूता जा।
यह कविता मंगळ पांडे की वीरता और उनका देश के प्रति अटूट प्रेम उजागर करती है। इसे याद करते हुए, हम सभी को प्रेरणा मिलती है कि हम अपने वतन की स्वतंत्रता और गरिमा के लिए सदैव सजग रहें। धन्यवाद रनजीत तिवारी बलिया