Saturday, 11 January 2025

शरारती टिकूं


एक बार की बात है, एक घने जंगल में एक छोटा सा खरगोश रहता था। उसका नाम था टिंकू। टिंकू बहुत चंचल और शरारती था। वह हर समय जंगल में इधर-उधर दौड़ता रहता था और नई-नई चीज़ें सीखता रहता था।
एक दिन, टिंकू जंगल में घूम रहा था तो उसे एक बड़ा सा पेड़ दिखा। पेड़ पर बहुत सारे फल लगे हुए थे। टिंकू को वो फल बहुत ही स्वादिष्ट लग रहे थे। उसने सोचा कि मैं कुछ फल तोड़कर खाऊंगा। लेकिन पेड़ बहुत ऊँचा था और टिंकू उस तक नहीं पहुंच पा रहा था।
तभी उसने देखा कि एक बंदर पेड़ पर बैठा हुआ है। टिंकू बंदर के पास गया और बोला, "बंदर भैया, क्या आप मुझे कुछ फल तोड़कर दे सकते हो?"
बंदर ने टिंकू को देखा और बोला, "अगर तुम मुझे अपना गाजर दे दो तो मैं तुम्हें फल तोड़कर दूंगा।"
टिंकू के पास एक गाजर था। उसने बंदर को गाजर दे दिया और बंदर ने पेड़ से कुछ फल तोड़कर टिंकू को दे दिए। टिंकू बहुत खुश हुआ और उसने बंदर को धन्यवाद दिया।
कहानी का संदेश: दूसरों की मदद करने से हमें भी खुशी मिलती है।