Saturday, 30 September 2023

भ्रष्ट ढोंगी नेता


यह लेख राष्ट्र देश धर्म के लिए है इस लेख को पुरा एक राष्ट्र भक्त धर्म भक्त ही पढ़ सकता है।प्रिय पाठको यह लेख प्रतयेक  जाति धर्म के लोगों के लिए है।जिन्हें अपने धर्म जाति से लगाव हो कोई भी धर्म जाति खराब नहीं होती लोग ही उसे अपने स्वार्थ के लिए खराब बनाने लगते हैं इसलिए यह लेख आवश्यक समक्ष कर लिख रहा हूं हमें एक होना होगा दुश्मनों को देश से इस बार बाहर जाकर अलग देश बनाकर जिवन भर की टेंशन और उनसे रक्षा खातिर सेना पालने शहीद कराने से अच्छा है इनको जिन्दा  जला डालो सनातन संस्कृति के हिसाब से जिन्हें सनातन संस्कृति को इतनी गन्दी गालियां देने का अधिकार  है। कम से कम ब्राह्मणों से एकता की अपील करता हूं ब्राह्मणों से एक हो जाओ इनके कीड़े जग गये हैं स्वामी  प्रसाद मौर्य स्टालिन जैसे अनेक दोगले राजनेताओं की यह दलाल ढोंगी लोग गन्दे कीड़ें है। इनके बाप दादा  को  ब्राह्मणों ने कीड़े बना दिए अब इनको बना दे रहे हैं। सारी व्यवस्था ब्राह्मणों ने ढोंग करके गलत करके रख दी है। जबकि खुद सबसे बड़ा ढोंगी है जिसके प्रमाण साक्ष्य यह है। जैसे की जाती यह बदल रहा है धर्म यह बदल रहा जाति आरक्षण के नाम पर दंगे यह भड़का रहा पार्टियां हर चुनाव में यही बदल रहा है तिन से अधिक पार्टियों में यह खुद विधायक सांसद रह चुका है। इसमें ब्राह्मणों ने तेरा क्या खराब कर दिया माना बौद्ध मठ था जैन मन्दिर था तो राम मंदिर शिव मंदिर कृष्ण मंदिर नहीं था जो जल  गया लुट गया धराशायी हो गया तुम बचा नहीं सके तो अब कोई बनवा रहा है जो जहां था वह हमेशा वही रहेगा तो तुम्हें यह भी बर्दाश्त नहीं तु है क्या सारे बैज्ञानिक खगोल शास्त्री तो नेताओं के तलवे चाट क्यों रहा है। जो हमारा था वह हमारा ही रहेगा सनातन संस्कृति का क्रान्तिकारी पैगाम जागो ब्राह्मणों कम से कम तुम एक हो जाओ हिन्दू तो कभी भी एक नहीं हुए सनातन धर्म हिन्दू सभ्यता के नाम पर कम से कम सारे देश के ब्राह्मण हिन्दू धर्म के नाम पर सनातन संस्कृति के नाम पर राष्ट के नाम पर एक हो जाओ और पुरे भारत में धर्म को पुनः स्थापित करने के लिए धर्म भक्त युवाओं से विशेष आग्रह निवेदन है। नशा मुक्त भारत हो संध्या आरती वंदन हर घर में हो जागो ब्राह्मणों जागो जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम जय श्री राम जय श्री राधे कृष्ण हर हर महादेव💐🚩🙏

Monday, 27 February 2023

ओहार

आदरणीय ,
  पाठकों मेरा प्यार भरा नमस्कार
हमारा भारतीय समाज अनेक साहित्यिक परम्पराओं का निर्वहन अलग- अलग स्थानों पर मांगलिक आयोजन करके करता हैं या यूं कहें तो भारतीय प्रथाओं संस्कृति परम्पराओं का निर्वहन करते  हुए आज हैं। जिसमें पुर्वांचल में एक प्रचलित प्रथा मुंडन ओहार या बार भी है।  भारतीय संस्कृति उपनयन संस्कार परम्पराओं का निर्वाह करता बलिया का एक हिन्दू ब्राह्मण परिवार हो या शुद्र जाती सभी अपने बच्चों के मुंडन संस्कार को आज लगभग सैकड़ों सालों से अधिक समय से श्रद्धा से करते आ रहे हैं। जैसी जहां की ऋति रही या रहती है वैसे ही परम्पराओं का निर्वहन सभी करते हैं भारत के विभिन्न राज्यों स्थानों के लोग अलग अलग स्थानों पर अलग अलग तरीकों से धार्मिक आयोजन करते हैं यहां हर पर्व त्योहार उत्सव को हर्ष उल्लास से मनाया जाता है तरिके अनेकों मिलती है अपने भारत देश में लेकिन उत्तर प्रदेश पुर्वांचल बलिया से सट्टे जिलें जैसे -गाजिपुर बक्सर आरा देवरिया छपरा वनारस जहां तक हमने देखा गंगा किनारे ही लोग अपने 05 साल तक के बच्चों का मुंडन (उपनयन) संस्कार किसी सुभ लग्न में देखकर मां पतित पावनी मंगलमयी मां गंगा जी की पुजा बंधु बांधवों के साथ विधी विधान से नाव पुजा करके करते हैं। जिसको ओहार , बार (मुंडन) के नाम से भी जाना जाता है संस्कृति में इसको उपनयन संस्कार परम्पराओं के नाम से जाना जाता है। इसमें सामर्थ्य के हिसाब से सामान्य जिवन जिने वाले लोग हो या एक गरिब व्यक्ति या धनवान सभी अपनी श्रद्धा से मां गंगा जी की पुजा अपने बंधु बांधवों को इकट्ठा करके करते हैं। जिसकी जैसी सामर्थ्य होता है वह उतना ही खर्च पुजा पाठ प्रशाद वितरण करके श्रद्धा पूर्वक करता हैं। इसको  उत्तर प्रदेश बलिया से सट्टे लोकल एरिया में ओहार या बार के नाम से जाना जाता है। किसी बच्चे के पहली बार बाल कटाने वाले दिन मां गंगा जी के घाटों पर लोग अपने बंधुओं के साथ इकट्ठा होकर धुम धाम से श्रद्धा पूर्वक मनातें है। बहुत सारे लोग अपने बच्चों के मुुंडन मंदिरो में भी कराते हैं मैं खुद बलिया का हूं इसलिए हमने भी कयी अवसरों पर सम्मिलित होकर आनन्द लिया है। इन परम्पराओं को आज भी लोग निभातें हुए विश्व कल्याण हेतु निस्वार्थ संस्कृति परम्पराओं में योगदान कहीं ना कहीं हिन्दू भारतीय करते हैं। वस यही हमें हिन्दू भारतीय होने का गर्व कराती है यह लेख मेरे खुद के विचार से है। भले ही मेरा यह लेख  किसी को पसंद आए या ना आए आजिवन मरते दम तक सच्च को सच्च लिखता रहूंगा सच्चाई ईमानदारी के रास्ते पर चलते रहना चाहिए ऐसा सिख हम सबको देने वाले अपने वरिष्ठ परिवार के लोगों के ऊपर हमेशा गर्व रहेगा हिन्दू सभ्यता संस्कृति की बदौलत ही आजतक अपने धर्म की रक्षा होती रही है।  इसमें सभी हिन्दू का बराबर का योगदान है जो इसको हजारों सालों से निभा रहे हैं जबकि आक्रांताओं ने कोशिश हजारों सालों से तोड़ने की कोशिश करते आ रहे हैं हमारे धर्म संस्कृति परम्पराओं को  विखेरने तोड़ने के लिए हजारों कोशिश की है दुश्मनों ने लेकिन यह आज भी अपने वजूद में है जो हमेशा रहेगा भी मेरे लेख का तात्पर्य केवल हिन्दू धर्म की रक्षा से है मैं रहूं या ना रहूं यह देश और मेरा धर्म सुरक्षित रहना चाहिए मेरी लेख अच्छी लगे तो मुझे सब्सक्राइब जरूर करें और मेरा मनोबल बढ़ाने की कृपा करें। धन्यवाद जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम 💐🙏

Thursday, 12 January 2023

कविता कितना बदल गया इंसान

Z                 कितना बदल गया इंसान
समय नहीं सुध लेने को अपने होते जा रहे हैं दूर
आधुनिकता ने देखो कितना किया सबको मजबूर।
अंतर्देशीय पोस्टकार्ड भेजकर कहा अब कोई संदेश भिजवाता है।
बिडियो कालिंग करके ही सब लाईव समाचार सुनाता हैं।
मिलों की दूरी तय करने में अब समय नहीं लगता है।
घर के लोग होते जा रहे दूर अब उनसे दिल नहीं लगता है।
रिश्ते नाते मिट रहें हैं इंटरनेट का जमाना है।
जिसको देखो वही व्यस्त हैं सारा जहां इसका दिवाना है।
समय नहीं .......................…........ रहे हैं दूर
अश्लील होते जा रहे लोग इंटरनेट ने देखो क्या हाल किया 
नग्नता फैला रही है घर की इज्जत लोग कहते इसने क्या कमाल किया।
मेरी मानो तो आज से हो जाओ होशियार इतनी जल्दी कैसे भुला सकते करोड़ों लोगों की शहादत का मलाल।
नज़रिया बदलो नजर वहीं है खुद को बदलो देश वहीं है।
तुम ऐसे भ्रष्ट हो जाओगे तो दुश्मनों ने यह है चाल चली
आज ् लुट रहे हैं देश की इज्जत पिछे भी तो इन्होंने यहीं किए।
राणा प्रताप पृथ्वीराज शिवाजी ने संस्कृति के लिए खुद को कुर्बान किया 
समय ने फिर कुचक्र रचा है फिर से वही पुराना हाल हुआ
समय नहीं............................... हो रहें हैं दूर
मेरी बिनती यही है सबसे घर परिवार के लोगों की बात सुनो
आस पड़ोस रिश्तेदार गांव के लोगों में एक प्रेरणा बनकर उभरो
गर्व करो अपने मातृभूमि पर जिनमें हमने जन्म लिया
सम्मान करो अपने संस्कृति का पुर्वजों ने जिसके लिए बलिदान दिया
यही होगा सच्चा सम्मान कितना बदल गया इंसानz
समय नहीं.       ................... होते जा रहे हैं दूर
           जय हिन्द जय भारत वंदेमातरमz